Friday 23 December 2011

BARSAAT...

जब तुम्हारे यादो की बरसात होती है ,
दिल रोने को मचल उठता है ,
गम के बादल छा जाते है ,
एक बिजली सी कौंध जाती है ...
हम बरसात का इंतज़ार करते करते युही पिघल जाते है ,
आंसू आख से निकलते नहीं, पहले ही सूख जाते है ,
तड़प के रह जाते है आखिर ये बरसात होगी कब ....
क्यूंकि तभी तो मेरे जज़्बात जव़ा होते है -
और उस आसमां के साथ हम भी बहुत रोते है.....