एक भवरे की चाहत है किसी फूल को चूम ले,
एक फूल की चाहत है हवा में खुशबू बिखेर दे,
एक खुशबू की चाहत है रहे सदा ताज़ा जैसे आपकी साँसे हो मेरी जिस्म में,
एक रूह की चाहत है मिले किसी हमदर्द से जैसे अपना हो कोई....
चाहत तो है पर इंतज़ार नहीं होता,
क्या करू की इस दिल पे इख्तियार नहीं होता,
ऐतबार तो है तुझपे पर खुद पे ऐतबार नहीं होता,
इस कदर न की होती आशिकी तो मेरा नाम आशिको में शुमार कैसे होता .....
एक फूल की चाहत है हवा में खुशबू बिखेर दे,
एक खुशबू की चाहत है रहे सदा ताज़ा जैसे आपकी साँसे हो मेरी जिस्म में,
एक रूह की चाहत है मिले किसी हमदर्द से जैसे अपना हो कोई....
चाहत तो है पर इंतज़ार नहीं होता,
क्या करू की इस दिल पे इख्तियार नहीं होता,
ऐतबार तो है तुझपे पर खुद पे ऐतबार नहीं होता,
इस कदर न की होती आशिकी तो मेरा नाम आशिको में शुमार कैसे होता .....